रुडा के क्राफ्ट बाजार मे भरा पानी निकलते लोग |
मूमल नेटवर्क, जयपुर। प्रदेश में सामान्य से अधिक हो रही बारिश का ध्यान रखे बगैर पूर्व निर्धारित तिथियों के अनुसार क्राफ्ट बाजार लगा दिए गए। नतीजा ये कि जहां बारिश का ध्यान रखते हुए व्यवस्थाएं की गई वहां नुक्सान नहीं हुआ, जबकि रूडा जैसे संस्थानों द्वारा आयाजित शिल्प मेले में देश के विभिन्न स्थानों से आए दस्तकारों को नुक्सान उठाना पड़ा।
शानिवार 15 सितम्बर 2012 को कुछ देर के लिए हुई बारिश ने ही जयपुर के जवाहर कला केन्द्र के शिल्प ग्राम में पानी भर दिया। यहां रूडा की और से एक दिन पहले ही शुरू हुए क्राफ्ट बाजार में आए शिल्पियों को इससे काफी नुक्सान हुआ। वर्षा के कारण जहां बाजार में ग्राहक नहीं आए वहीं स्टालों में पानी भर जाने से उनके सामान भीग गए। स्टालों के सामने से पानी निकालने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बिड़ला ऑडिटोरियम मे सिल्क कलेक्शन
दूसरी ओर बिड़ला ऑडिटोरियम में देशभर से आए आर्टिजन ने सिल्क के साथ एक्सपेरिमेंट कर बनाया यूनिक कलेक्शन पेश किया गया। यहां बरसात के कारण ग्राहक कम नजर आए, लेकिन पानी के कारण आर्टिजन को शिल्पग्राम जैसा नुक्सान नहीं उठाना पड़ा। शनिवार 15 सितम्बर 2012 को ही बिड़ला ऑडिटोरियम में सिल्क उत्सव शुरू हुआ। इसमें असम, बंगाल और बिहार के सिल्क में कई नए कलेक्शन डिसप्ले किए गए हैं। वर्क, डिजाइंस और कलर्स पैटर्न के साथ आउटफिट्स को अधिक आकर्षक बनाया गया है। सिल्क में ये बदलाव यूथ के टेस्ट को देखते हुए किए गए हैं। ताकि फैशन और स्टाइल में सिल्क पीछे ना रहे, बदलाव में परंपरागत सिल्क की खूबसूरती को बरकरार रखा गया है।
पार्टी और शादियों में पहने जाने वाले आउटफिट्स को भी डिजाइनर साड़ी में तैयार किया गया है। जरी वर्क और असली सिल्वर वर्क जिसे अम्बॉज कहा जाता है। इसके रफ मेटेरियल को ज्यों का त्यों रखा जाता है, ताकि आधुनिकता के साथ परंपरागत का बेहतर तालमेल रहे। इसके हैवी वर्क और डिजाइनर के कारण इसकी कीमत 18,000 से 40,000 रुपए तक है।
सांगानेरी, बगरू और गुजरी प्रिंट अब सिल्क में नजर आए। सिल्क को अधिक कलरफुल बनाने के लिए इन प्रिंट्स का इस्तेमाल किया गया है। काथा, भागल और असम की मलबरी सिल्क पर विभिन्न प्रिंट्स का प्रयोग किया गया है। साथ ही आरी वर्क और थ्रेड वर्क किया गया है। इनकी कीमत 1400 से 6000 तक है।
सिल्क को कई रंगों और स्टाइल में ढालने के लिए वेस्टर्न स्टाइल का प्रयोग किया गया है। यह सिल्क पर नेट की साड़ी तैयार की गई। है इसे तैयार करने में 15 दिन लगते हैं, क्योंकि इसे आर्टिजन पूरी तरह से हाथ से तैयार करते हैं। इससे इसमें किसी तरह का डिफेक्ट नहीं आता। इसे सुपर नेट नाम दिया गया है। जरी का वर्क कर इसे डिजाइनर बनाया गया है। इसकी कीमत 8000 से शुरू होती है।
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