मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

शिल्प समर्पित दिलीप बैद

'मूमल' ब्लॉग के शिल्प जगत को समर्पित पृष्ठों के मानद संपादक का दायित्व वहन करने वाले श्री दिलीप बैद का जन्म नागौर जिले के लाडनू कस्बे में 5 अप्रेल 1965 के दिन हुआ। परिवार का व्यवसाय आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में था। वहीं उनकी शिक्षा दीक्षा हुई। पहली जुलाई 1989 को सौभाग्यवती मंजू और दिलीप जीवन साथी बने। ससुराल पक्ष चूंकि क्राफ्ट व्यवसाय से जुडा था, इसलिए उन्हें इस व्यवसाय को समझने का मौका मिला।
क्राफ्ट व्यवसाय में कदम रखते हुए वह राजस्थान के जोधपुर में 1991 में आए और 1993 तक रहे। इसके बाद जयपुर आकार व्यवसाय को अपनी मेहनत के बल पर सफलता की ऊंचाईया प्रदान की। राजस्थान के क्राफ्ट को निर्यात के स्तर तक पहुंचाने का श्रेय इन्हें जाता है।बड़ी से बड़ी बात भी बहुत नपे-तुले सीमित शब्दों में व्यक्त करने में कुशल दिलीप बैद का नाम आज क्राफ्ट की दुनियां में एक ब्रांड की तरह स्थापित है। यही कारण है कि क्राफ्ट जगत के देशी-विदेशी बड़े से बड़े आयोजन में इनके हस्ताक्षर ही क्राफ्ट की बेस्ट क्वालिटी की पहचान होते हैं।
क्राफ्ट के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग करने में रूचि रखने वाले दिलीप जी की दिलीप टे्रडिंग कंपनी भारत की जानी पहचानी क्राफ्ट निर्यातक कम्पनी के रूप में देश-विदेश में विख्यात है।अपने व्यवसाय के साथ-साथ दिलीप फोरेक्स , ईपीसीएच आईआई सी डी, सी डी सी के शीर्ष व महत्वपूर्ण पदों की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। सामाजिक रूप से वह राजस्थान के गांव में चिकित्सा ,शिक्षा, आपूर्ति सम्बन्धी कई योजनाओं पर अपना सक्रिय योगदान दे रहे है। क्राफ्ट की बेस्ट क्वालिटी की तरह दिलीप बैद के हस्ताक्षर के साथ अब 'मूमल' भी गुड और बैटर की स्थिति को पार करते हुए बेस्ट की ओर बढऩे जा रही है।
क्राफ्ट के क्षेत्र में आने वाले युवाओं के लिए उनका संदेश है कि ''वे बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में आएं, क्योंकि यही एक ऐसा क्षेत्र है, जहां रोजगार के साथ-साथ उन्हें अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का मौका मिलता है। क्राफ्ट की संभावनाओं पर नए प्रयोग कर वह राजस्थान को और आगे बढ़ा सकते है।"