बुधवार, 7 नवंबर 2012

शिल्प के राष्ट्रीय पुरस्कार 9 को

मूमल नेटवर्क , नई दिल्ली। हस्तशिल्प के क्षेत्र में श्रेष्ठ चुनिंदा कृतियों के शिल्पकारों को राष्ट्रीय सम्मान व पुरस्कार प्रदान करने के लिए 9 नवम्बर को राजधानी दिल्ली में समारोह होगा।
अगर सब निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हुआ तो विज्ञान भवन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी शिल्पियों को एक समारोह में सम्मानित करेंगे।
भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के आधीन कार्यरत हस्तशिल्प विकास आयुक्त द्वारा प्रति वर्ष देशभर से चुने गए 20 श्रेष्ठ शिल्प कार्यों के लिए यह सम्मान दिए जाते हैं। इनमें 10 राष्ट्रीय पुरस्कार और 10 राष्ट्रीय मेंरिट प्रमाण की  श्रेणी में होते हैं। पिछले वर्ष 2010 के लिए यह पुरस्कार प्रदान नही  किए जा सके थे। इसलिए इस वर्ष 2011 के पुरस्कारों के साथ वह भी प्रदान किए जाएंगे।

मंगलवार, 6 नवंबर 2012

हस्तशिल्प उत्पादों को उम्मीद से बेहतर रेस्पांस

                                 बिक्री का आंकड़ा 2500 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद
                                 नक्काशी एवं जड़ाऊ उत्पाद भी लिए जा रहे हाथों-हाथ

मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान के हस्तशिल्प उत्पादों के दाम बढऩे के बावजूद दीपावली व क्रिसमस के त्यौहारी सीजन में विदेशी और घरेलू बाजार में इन उत्पादों की मांग काफी बढ़ी है। उत्पादों को उम्मीद से बेहतर रिस्पांस मिला है। इसका कारण शिल्प की नई डिजाइंस व अनूठी निर्माण शैली तो है ही, महंगाई के बावजूद नियंत्रित कीमतें भी आकर्षण का कारण हैं। ऐसे में गत वर्ष की तुलना में इस साल बिक्री में 300 करोड़ से अधिक का इजाफा हुआ है। बिक्री का आंकड़ा 2500 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद है। नक्काशी एवं जड़ाऊ हस्तशिल्प को उत्पादों को बाजार में हाथों-हाथ लिया जा रहा है।
घरेलू मार्केट में भी पैठ
सस्ते व अनूठे उत्पादों की बदौलत विदेशी बाजार में दम भर रहा राजस्थान का हैंडीक्राफ्ट कारोबार अब घरेलू मार्केट में भी पैठ बना रहा है। विदेशी बाजार में वुडन, टैक्सटाइल, नक्काशी, ब्लू पॉटरी, मार्बल, टेराकोटा, ग्लास वेयर व लाख के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद के साथ घरेलू सजावट व फर्नीचर से जुड़े उत्पाद डिजाइनदार बेड, सोफा सेट, कुर्सियां, मेज, वाल पेंटिंग, मैटल व लकड़ी पर बारीक चित्रकारी कर बनाई गई घडिय़ां, फूलदान, पेड़ की छाल से बने कलात्मक फूल और चांदी की बारीक जड़ाऊ शो पीस की मांग अधिक है।
घरेलू बाजार में भी सजावट के लिहाज से इन उत्पादों की मांग काफी बढ़ी है। फेडरेशन ऑफ  राजस्थान एक्सपोर्टर्स के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा के अनुसार त्यौहारी सीजन में घरेलू सजावट से जुड़े हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को उम्मीद से बेहतर रिस्पांस मिला है। नक्काशी एवं जड़ाऊ हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को भी घरेलू बाजार में हाथों-हाथ लिया जा रहा है।
दाम 20 फीसदी से अधिक बढ़ा
हैंडीक्राफ्ट उद्यमी व सीआईआई जयपुर शाखा के अध्यक्ष दिलीप बैद ने बताया की हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की मांग के पीछे इनकी डिजाइन व अनूठी निर्माण शैली तो है ही, कम कीमतें भी आकर्षण का कारण हैं। लेकिन पिछले कुछ अर्से से सरकारी रियायतों के बावजूद यह उद्योग बढ़े हुए लागत भार से त्रस्त है। हैंडीक्राफ्ट उत्पाद निर्माताओं व निर्यातकों ने इस सीजन में दाम 20 फीसदी से अधिक बढ़ा की बढ़ोतरी कर दी है। विदेशी बाजार से भी नए ऑर्डर बढ़ी कीमतों पर ही लिए जा रहे हैं। इसके बावजूद गत वर्ष की तुलना में इस साल बिक्री में 300 करोड़ से अधिक का इजाफा हुआ है।
बिक्री का आंकड़ा 2500 करोड़ के पार
निर्माताओं को बिक्री का आंकड़ा 2500 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद है। इसमें से करीब 1500-1600 करोड़ रुपये का निर्यात हो रहा है। फैडरेशन ऑफ राजस्थान हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्ट (फॉरहेक्स) के अध्यक्ष जसवंत मील का कहना है कि  पिछले कुछ अरसे में कच्चे माल कीमतों में जबरदस्त उछाल रहा है। ऐसे में अंतिम विकल्प कीमतों में बढ़ोतरी है। कीमतें बढऩे से मांग पर आंशिक असर पड़ सकता है। लेकिन जिस हिसाब से इन उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ रही है, इसकी संभावना कम है।

गुरुवार, 1 नवंबर 2012

अब वयस्क हो गया जेकेके का 'लोकरंग'

मूमल नेटवर्क जयपुर। जयपुर के जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित वार्षिक 'लोकरंग' का शुभारंभ राज्यपाल मारग्रेट अल्वा ने किया। पिछले अठारह वर्षो के आयोजन का इतिहास लिए राष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह 'लोकरंग' अपनी शैशवास्था और तरूणाई से निकल
अब पूर्ण वयस्क हो गया है। इस वर्ष 2012 में भी देश के कोने-कोने से
विभिन्न प्रदेशो, केन्द्र शासित प्रदेशो के नृत्य दल, गायक समूह और
लोक नाट्य अपनी परम्परा, अपने संगीत और अपने प्रदेश की सांस्कृतिक
छटा से सराबोर लगभग 1200 कलाकार जवाहर कला केन्द्र में सम्मिलित
होंगे।
भारतीय पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से प्रारम्भ
होकर एकादशी अर्थात 30 अक्टूबर से 09 नवम्बर, 2012 तक चलने वाले
इस समारोह में राजस्थान सहित देश के विभिन्न प्रान्तो के लोक एवं
आदिवासी कलाकार अपने पारम्परिक वेश, अनूठे वाद्य यंत्रो और मद मस्त
संगीत के साथ प्रति दिन दर्शको के समक्ष समृद्ध भारतीय संस्कृति की प्रस्तुति
देंगे। समारोह का समापन सब राज्यो की सम्मिलित प्रस्तुति के रूप में होगा।
गत 'लोकरंगÓ समारोह में उमड़े जन समूह को दृष्टिगत रख
मुक्ताकाशी सभागार के बाहर परिसर में स्क्रीन पर कार्यक्रमों के लाइव
प्रसारण की भी व्यवस्था की गई है।

तीन दिवसीय समारोह से प्रारम्भ होकर यह लोकरंग अब ग्यारह
दिनों तक मनाया जाता है
अपने 19वें सोपान पर लोकरंग अपनी गरिमा पूर्ण परम्परा के अनुरूप
अनेकता में एकता की हमारी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं के साथ
दर्शको को समर्पित होगा।

राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला
केन्द्र परिसर के शिल्पग्राम में आयोजित यह बहुरंगी मेला देश की
प्रति-निधि हस्तकलाओं की वृहद प्रदर्शनी प्रस्तुत करता है।
भारतीय हस्तशिल्पियों और उनके हस्त कौशल का संगम
'लोकरंगÓ के अवसर पर शिल्पग्राम में देखने को मिलता है। सभी
प्रदेशों के शिल्पी अपनी श्रेष्ठ कृतियों के साथ यहां आते है।
इनमें राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पी तो होते ही है,
कुछ नए कलाकारों को भी अवसर दिया जाता है ताकि नई पीढ़ी भी
तैयार हो। विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के
सक्रिय आर्थिक सहयोग से आयोजित यह मेला शिल्पकला के खरीददारों को
भी प्रोत्साहित करता है। मेले में लगभग 150 स्टॉल में देश
के विभिन्न देशों के हस्तशिल्प कलाकार अपनी हस्तकला को प्रदर्शित
करेंगे।

क्या -क्या मिलेगा
जयपुर, जोधपुर का बंधेज, कच्छ की कशीदाकारी, मोलेला -
पोकरण की मृदाकला, बस्तर का लोह शिल्प, बंगाल का चर्म शिल्प, दक्षिण
भारत की वस्त्र बुनाई, लाख, नमदा, काष्ठ शिल्प, मोजड़ी कोल्हापुरी,
चप्पल, चिकनकारी, पैच वर्क, बांस-बैत का काम, यानि लोगों का मन
मोह लेने वाले हर प्रकार के शिल्प प्रदर्शन और बिक्री के लिए यहां
उपलब्ध रहेगा।

प्रतिभागी राज्य
प्रतिभागी राज्य हैं अरूणाचल प्रदेश, असम, आन्ध्र प्रदेश,
उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड,गोवा, लक्षद्वीप, ओड़ीसा, कर्नाटक, केरल,
गुजरात, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, पंजाब, पश्चिम बंगाल, मणिपुर,
महाराष्ट्र, हरियाणा एवं राजस्थान।